कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है – Qutub Minar ki Lambai kitni hai

वर्तमान समय में क़ुतुब मीनार भारत का महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध स्थल है और इसका इतिहास बहुत ही पुराना है। हम सभी जानते है कि ये मीनार दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है, लेकिन आप में से बहुत लोग होंगे जिन्हें ये नहीं मालूम कि कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है (Qutub Minar ki Lambai kitni hai)।

Qutub Minar ki Lambai kitni hai
Qutub Minar ki Lambai kitni hai

दिल्ली शहर भारत की सिर्फ राजधानी ही नहीं बल्कि बहुत ही प्राचीन शहर भी है जहां प्राचीन भारत के कई अवशेष देखने को मिलते हैं और उन्हीं अवशेषों में से एक कुतुब मीनार भी है। ताजमहल की तरह ही इसे भी पुरातन की उत्कृष्ट कृति माना जाता है।

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है (Qutub Minar ki Lambai kitni hai) और साथ ही इससे जुड़े इतिहास और इसके रोचक तथ्यों के बारे में भी जानकारी प्रदान करेंगे।

कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है – Qutub Minar ki Lambai kitni hai

अगर बात करें कुतुब मीनार की लंबाई की तो इसकी लंबाई 72.5 मीटर मतलब की 237.86 फीट है और व्यास या गोलाई के दृष्टिकोण से ये 14.3 मीटर है, वही इसकी गोलाई ऊपर तक जाते-जाते 2.75 मीटर हो जाती है जो कि 9.02 फीट के बराबर होती है।

यह भारत की सबसे ऊँची मीनार है, इसके साथ ही इसे विश्व की सबसे ऊँची ईंट की मीनार के रूप मे भी जाना जाता है। जिस वक्त कुतुब मीनार का निर्माण किया गया था तब ये केवल दो मंजिला ही बना था लेकिन वर्तमान समय में ये पांच मंजिल की इमारत है।

इसकी पहली तीन मंजिलों का निर्माण करने के लिए बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है और ऊपर के दो मंजिल को मार्बल और बलुआ पत्थरों से बनाया गया है।

कुतुब मीनार का इतिहास

कुतुबुद्दीन ऐबक जो कि दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक थे। उन्होंने अफगानिस्तान में बने जाममीनार से प्रेरित होकर 1193 में इस मीनार का निर्माण शुरू किया। कुतुब मीनार दिल्ली के प्राचीन शहर ढिल्लिका में स्थित लाल कोट के प्राचीन किले के नमूने पर आधारित है।

लेकिन कुछ समय बाद कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु हो गई और वे मीनार की पहली मंजिल ही बनवा पाए थे और फिर कुतुबुद्दीन ऐबक के उत्तराधिकारी शमशुद्दीन इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार को तीन मंजिला तक बनवाया। उसके बाद 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने मीनार पर फिर से काम लगवाया और इसे पांच मंजिला बनवा कर पूरा किया।

कुतुब मीनार पर फूलों की लताओं और कुरान की आयतों की बारीकी से नक्काशी की गयी है। वैसे यह कहना गलत नहीं होगा कि इस मीनार के निर्माण मे एक व्यक्ति का योगदान न होकर कई व्यक्तियों का योगदान है।

कुतुब मीनार कहां पर स्थित है

कुतुबमीनार भारत की राजधानी दिल्ली के दक्षिण भाग महरौली क्षेत्र में स्थित है। इसकी दीवारों पर आपको भारतीय कला के कुछ उत्तम रचनात्मक कलाएँ बने हुए दिखेंगे जिनमें से कुछ कलाएं 115 ईसा पूर्व के है। हर दिन काफी सारे पर्यटक इस शानदार मीनार को देखने आते हैं।

कुतुबमीनार को किसकी याद में बनाया गया

अफगानिस्तान में स्थित जाम मीनार का अनुसरण करके कुतुब मीनार का निर्माण किया गया है। बहुत लोगों का ऐसा मानना है कि इसे ट्रांसऑक्सियाना से आए महान सूफी संत कुतुबद्दीन बख्तियार काकी के सम्मान में बनाया गया है और मीनार का नाम इसके निर्माता कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर रखा गया था।

कुतुब मीनार का निर्माण किसने और कब किया

भारत के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 ई में कुतुबमीनार का निर्माण शुरू किया और उनकी देखरेख में मीनार की पहली मंजिल को तैयार किया गया।

कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद इनके उत्तराधिकारी सुल्तान शमशुद्दीन इल्तुतमिश ने सन् 1211-1236 के बीच अपनी निगरानी में मीनार की दूसरी और तीसरी मंजिल बनवाई। उसके बाद आखरी में फिरोजशाह तुगलक ने सन् 1368 में मीनार की चौथी और पांचवी मंजिल को बनवा कर पूरा किया।

कुतुब मीनार के अंदर क्या है

अगर बात करें मीनार के अंदर की तो कुतुब मीनार के अंदर बहुत ही आकर्षित नजारा है जिसे देखने के लिए हजारों-लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है। इसके अलावा मीनार के अंदर हर मंजिल में बालकनी भी बनी हुई है जहां से बाहर का नजारा अत्यंत ही सुंदर दिखाई पड़ता है, इसके साथ ही ऊपर जाने के लिए 379 सीढ़ियां बनी है।

कुतुब मीनार के इर्द-गिर्द कौन सी ऐतिहासिक धरोहर बनी है

अगर बात करें मीनार के आसपास ऐतिहासिक धरोहरों की तो इसके पास काफी सारे खूबसूरत ऐतिहासिक धरोहर स्थल है जैसे कि क़ुव्वत अल इस्लाम मस्जिद, अल्लाई दरवाजा, अलाउद्दीन खिलजी और इमाम जमीन के मकबरे, अलाई मीनार जोकि 7 मीटर ऊंचा लोहा स्तंभ है।

क़ुतुब मीनार का नाम कैसे पड़ा

कुतुब मीनार के नाम को लेकर आज भी कई तरह के मतभेद चल रहे हैं, कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि कुतुब मीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था इसलिए मीनार का नाम उनके नाम पर पड़ा।

कुछ इतिहासकारों का यह भी मानना है कि मीनार का नाम बगदाद के महान संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया था जो कुछ समय के लिए भारत में रहने आए थे। ऐसे ही मतभेदों के कारण आज भी सुनिश्चित नहीं किया गया की कुतुब मीनार का नाम किसके नाम पर पड़ा।

कुतुब मीनार से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • कुतुब मीनार जैसी इमारतों के कारण भारत में टूरिज्म को बढ़ावा मिलता है और भारत के पर्यटन विभाग को बहुत ज्यादा मुनाफा होता है।
  • कुतुब मीनार के निर्माण से पहले उस जगह पर 30 जैन मंदिर थे जिन्हें तुड़वा कर इसका निर्माण किया गया।
  • साल 1974 के पहले कुतुब मीनार के अंदर सब को एक साथ जाने की अनुमति थी लेकिन 4 दिसंबर साल 1981 में एक बहुत बड़ा हादसा हुआ जिसमें भगदड़ की वजह से 45 लोगों की मृत्यु हो गई। ऐसे में मीनार के अंदर जाना सभी के लिए वर्जित हो गया था।
  • कुतुब मीनार के परिसर में एक लोहे का खंबा है जो कि 2000 साल पुराना है, जिसे कुमार गुप्ता ने अपने पिता चंद्रगुप्त मौर्य की याद में बनवाया था।
  • कुतुब मीनार को UNESCO के द्वारा साल 1993 में world heritage site की सूची में शामिल किया गया।
  • कुतुब मीनार पर्यटकों के अलावा हिंदी सिनेमा के बीच भी बहुत ज्यादा लोकप्रिय है यहां पर कई टीवी शो और फिल्मों की शूटिंग की जा चुकी है जिस वजह से यह बहुत बड़ा टूरिस्ट अट्रैक्शन स्पॉट बन गया है।
  • सन् 1505 में बहुत बड़ा भूकंप आया था जिस वजह से कुतुब मीनार काफी डैमेज हुआ, हालांकि भूकंप के कारण जो भी नुकसान हुआ उसकी भरपाई सिकंदर लोदी ने करवाई थी।
  • साल 1903 में एक बार फिर भूकंप के कारण कुतुब मीनार का काफी ज्यादा नुकसान हुआ और उसकी भरपाई 1928 में ब्रिटिश इंडियन आर्मी के मेजर रोबर्ट स्मिथ के द्वारा की गई।

क़ुतुब मीनार के बारे में कुछ प्रश्न और उत्तर

प्रश्न- क़ुतुब मीनार कौन से राज्य मे है?

उत्तर- भारत के दिल्ली राज्य मे क़ुतुब मीनार है

प्रश्न- क़ुतुब मीनार कब बनी थी?

उत्तर- वर्ष 1193

प्रश्न-क़ुतुब मीनार की चौडाई कितनी है?

उत्तर- 14.3 मीटर

प्रश्न- क़ुतुब मीनार के निर्माण मे कौन कौन से शासको का योगदान रहा है?

उत्तर- कुतुबद्दीन ऐबक, सुल्तान शमशुद्दीन इल्तुतमिश, फिरोजशाह तुगलक

प्रश्न- विश्व की सबसे ऊँची मीनार का नाम क्या है?

उत्तर- क़ुतुब मीनार

प्रश्न- कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है?

उत्तर- कुतुब मीनार की लंबाई 72.5 मीटर मतलब की 237.86 फीट है और व्यास या गोलाई के दृष्टिकोण से ये 14.3 मीटर है, वही इसकी गोलाई ऊपर तक जाते-जाते 2.75 मीटर हो जाती है जो कि 9.02 फीट के बराबर होती है।

निष्कर्ष

आज हमने इस आर्टिकल की मदद से आपको कुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है (Qutub minar ki lambai kitni hai) और इसके अलावा कुतुबमीनार का इतिहास क्या रहा है?  और इससे जुड़ी अन्य जरुरी जानकारी देने की कोशिश की है।

अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया हो तो हमारे इस पोस्ट को अपने दोस्तों के बीच शेयर करें और कमेंट में जरूर बताएं कि आपको हमारा आर्टिकल कैसा लगा।

Leave a Reply