क्या आपने कभी गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है इस बारे में जानने की कोशिश की है क्योंकि यह एक ऐसा सवाल है, जिसके बारे में प्रत्येक competitive exams या कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों से पूछा जाता है। अब ऐसे में प्रत्येक छात्रों को goldfish ka scientific naam kya hai के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। दरअसल मीठे पानी में पाए जाने वाली सुनहरे रंग की मछली को goldfish कहा जाता है, जो दुनिया भर में सुनहरी मछली के नाम से भी मशहूर है।

इसलिए हम यह आपको goldfish ka scientific naam kya hai या सुनहरी मछली का वैज्ञानिक नाम क्या है ? के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे इसलिए इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें, क्योंकि इस लेख के जरिए आपको आपके सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है – goldfish ka scientific naam kya hai
यदि आप internet के जरिए ok google goldfish ka scientific naam kya hai पूछते है, तो आपको एक ही जवाब मिलेगा Carassius auratus. जी हाँ गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम कैरासियस ऑराटस होता है, जो केवल साफ़ और मीठे पानी में पाई जाती है। goldfish को hindi भाषा में सुनहरी मछली और English में गोल्डन क्रूसियन कार्प (golden crucian Carp) के नाम से भी जाना जाता है।
Goldfish दुनिया भर में तीसरी सबसे शानदार और मशहूर सजावटी मछलियों में से एक है। जिसे लोग अपने घर के aquarium में रखना बेहद पसंद करते हैं। goldfish का इतिहास लगभग 1700 सालों से भी ज्यादा पुराना है। आइए इस बेहतरीन मछली के बारे हम कुछ जरूरी बातों पर नजर डालते हैं।
गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम – goldfish ka scientific naam | Carassius auratus (कैरासियस ऑराटस) |
गोल्डफिश का हिन्दी नाम | सुनहरी मछली |
गोल्डफिश का लैटिन नाम | कैरासियस गिबेलीयो फार्मा ऑराटस |
गोल्डफिश की उम्र | 10 से 15 साल |
जाति | कैरासियस (Carassius) |
पीएच रेंज | 6.6 से 8.5 |
पानी का तापमान | 18 से 26 डिग्री सेल्सियस |
आकार | 20 cm |
वज़न | 3 किलो तक |
भोजन | कीट, शैवाल, लार्वा आदि |
प्रजनन का समय | अप्रैल से मई |
मूल स्रोत | चीन |
निवास स्थान | मीठा पानी |
अन्य नाम | गोल्डन क्रूसियन कार्प (golden crucian Carp) |
गोल्डफिश की उत्पत्ति कहां हुई है ? (where did goldfish originate)
Researchers के अनुसार सर्वप्रथम चीन से गोल्डफिश की उत्पत्ति हुई थी। ऐसा कहा जाता है, कि सालों पहले चीन के जिंहुआन जब लुशान पर्वत पर गए तो वहां उन्हें एक झील में हज़ारों लाल रंग (लाल चमड़ी वाली) की मछलियां दिखाई दीं थी। आपको बता दें, कि लाल रंग की यानी लाल चमड़ी वाली यह मछलियां गोल्डफिश की सबसे पुरानी पूर्वजों में से एक है।
इसलिए यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं है, कि गोल्डफिश यानी सुनहरी मछली की खोज सबसे पहले चीन में की गई थी। समय के साथ चीन के मिंग और किंग राजवंशों ने गोल्डफिश को पालतू बनाया और तब से ही सुनहरी मछली को घरों में पालने का रिवाज शुरू हो गया। धीरे-धीरे जब मॉडर्न साइना की स्थापना हुई तो वहां के वैज्ञानिकों ने गोल्डफिश के प्रजनन और उसके संरक्षण में अपना पूरा योगदान दिया।
1502 में सुनहरी मछली को जापान में पेश किया गया था। और फिर जापान ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद ताइवान के मध्य से सुनहरी मछली की कई प्रजातियों की शुरुआत की। जिसके बाद धीरे धीरे 17 वी शताब्दी के आखिर में यूनाइटेड किंगडम, 1874 में संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोप में 18वीं सदी में गोल्डफिश यानी सुनहरी मछली को पेश किया गया था और फिर देखते ही देखते यह मछली पूरी दुनिया भर में फैल गई आज लगभग सभी देशों में गोल्डफिश को लोग aquarium में रखना पसंद करते हैं।
गोल्डफिश किस तरह के वातावरण में रहती है ? (Goldfish temperature range)
जैसा कि हमने आपको बताया गोल्डफिश की उम्र 10 से 15 साल होती है यानी कि सुनहरी मछली लगभग 10 से 15 सालों तक जिंदा रह रहती है। लेकिन कुछ गोल्डफिश की प्रजातियां ऐसी भी होती है, जो ज्यादा समय तक जीवित रह सकती है। यह बिल्कुल मध्य स्वभाव की होती है और यह मीठे पानी में पाई जाती है। गोल्डफिश कुछ हद तक मांसाहारी और सर्वाहारी होती है। कुछ गोल्डफिश की प्रजातियां ऐसी भी हैं, जो खारे पानी में भी जिंदा रह सकती हैं।
आमतौर पर गोल्डफिश specific temperature वाले पानी में ही जीवित रह पाते हैं। पानी के temperature में ज्यादा उतार-चढ़ाव आने से सुनहरी मछलियां मर जाती है। इन मछलियों के लिए पानी का तापमान लगभग 18 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच सबसे बेहतर होता है। यदि पानी के तापमान में गंभीर बदलाव आ जाए, तो सुनहरी मछलियों का बच पाना नामुमकिन होता है। यह मछलियां आमतौर पर समुद्र के मध्य गहराई में पाई जाती है जहां शैवाल जैसे पोषक तत्व आसानी से मिलते हैं जो इन मछलियों के लिए सबसे बेहतरीन भोजन होता है। इन मछलियों को बड़े lade jaar या aquarium में भी रखा जा सकता है।
गोल्डफिश का आकार कैसा होता है ? (Goldfish size)
गोल्ड फिश दिखने में काफी आकर्षक और सुंदर लगता है जिसे लोग अक्सर अपने घरों में रखना पसंद करते हैं। दुनिया भर में चीन पहला ऐसा देश है, जिन्होंने गोल्डफिश को पालतू मछली बनाया था और फिर धीरे-धीरे दुनिया भर के लोग गोल्डफिश को पालने लगे। इसकी लंबाई आमतौर पर 8 इंच के आस पास होती है। लेकिन कभी-कभी यह 22 से 23 सेंटीमीटर तक लंबा भी हो जाता है।
इसका वजन करीब 3 किलो तक का होता है और इसके गले की बनावट नुकीले होते हैं, जिससे यह अपने कठोर चारा को आसानी से निकल सकते हैं। इसके अलावा गोल्डफिश अपने बेहतरीन रंगों के वजह से भी दुनिया भर में popular है। जी हाँ यह लाल, नीले, पीले, बैंगनी, सफेद, काले तथा रंग-बिरंगे variants में पाए जाते हैं। और सबसे अच्छी बात यह है, कि इन मछलियों को खाया नहीं जा सकता है।
गोल्डफिश के प्रकार (Types of Goldfish)
अब तक तो आप गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है (goldfish ka scientific naam kya hai) यह अच्छी तरह से जान गए होंगे और इसके साथ ही गोल्डफिश की उत्पत्ति कहां हुई है ? वह किस तरह के वातावरण में रहते हैं इत्यादि के बारे में भी अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त हो गई होगी। इसलिए चलिए अब हम जानते हैं, कि दुनिया भर में गोल्डफिश की कितनी प्रजातियां पाई जाती है।
कॉमेट गोल्डफिश ( Comet Goldfish)
कॉमेट गोल्डफिश जिसे हिंदी भाषा में धूमकेतु सुनहरी मछली के नाम से जाना जाता है। इसकी पूंछ काफी लंबी होती है तथा दिखने में ऐसा प्रतीत होता है, मानो इसकी पूंछ दो भागों में बंटी हुई है। इसके शरीर पर कैलिको आकृति बनी होती है। वैसे तो आमतौर पर यह साधारण सुनहरी मछली की तरह ही दिखता है, लेकिन इसकी शानदार और लंबी पूछ तथा पंखों के कारण साधारण सुनहरी मछली से भी ज्यादा सुंदर दिखता है।
कॉमेट गोल्डफिश का आकार लगभग 30 से 35 सेंटीमीटर होता है यह काफी फुर्तीला होता है तथा इसे तैरने के लिए काफी जगह जरूरत होती है, इसलिए इस मछली को पालने के लिए बड़े एक्वेरियम की जरूरत होती है। कॉमेट गोल्डफिश को अधिकतर अमेरिकन लोग पालना पसंद करते हैं।
साधारण सुनहरी मछली ( Common Goldfish )
साधारण सुनहरी मछली जिसे अधिकतर लोग अपने घरों में पालना पसंद करते हैं। यह दिखने में सुनहरे तथा लाल रंग का होता है। हालांकि कुछ गोल्डफिश केवल सुनहरे रंग का होता है तथा उसमें लाल रंग का चमक होता है। इसका शरीर काफी पतला होता है तथा इसकी पूंछ छोटी और पंख छोटे होते हैं। यह काफी फुर्तीला और तेज होता है। यह गोल्डफिश का सबसे लोकप्रिय प्रजाति है, इसे तैरने के लिए ज्यादा बड़ी जगह की जरूरत नहीं होती इसी कारण इसे एक बाउल में भी पाला जा सकता है।
शुबंकिन गोल्डफिश (Shubunkin Goldfish)
शुबंकिन गोल्डफिश दिखने में आमतौर पर साधारण सुनहरी मछली की तरह ही होता है। लेकिन इसके शरीर पर काले रंग के धब्बे होते हैं, जिसे कैलिको आकृति कहा जाता है। इस प्रजाति की मछली खास तौर पर लंदन में पाई जाती है। जिस तरह कॉमन गोल्डफिश के शरीर का बनावट है, उसी तरह शुबंकिन गोल्डफिश का शरीर भी पतला और पूछ तथा पंख छोटे होते हैं। आपको बता दें कि शुबंकिन गोल्डफिश कि दुनिया भर में 3 सबसे मशहूर प्रजातियां पाई जाती हैं जिन्हें अमेरिकन / जापानी शुबंकिन, ब्रिस्टल शुबंकिन तथा लंदन शुबंकिन के नाम से जाना जाता है।
ब्रिस्टल शुबंकिन ( Bristol Shubunkin )
ब्रिस्टल शुबंकिन की पूंछ काफी चौड़ी होती है, जो बाकी शुबंकिन प्रजातियों से इसे अलग बनाती है। इस मछली के शरीर पर भी कैलिको आकृति बनी होती है। इसका शरीर काफी पतला होता है, जो दिखने में धूमकेतु यानी कॉमेट की तरह दिखता है। ब्रिस्टल शुबंकिन को तैरने के लिए काफी जगह की जरूरत होती है, इसलिए इसे पालने के लिए किसी बड़े एक्यूरियम या जगह की जरूरत होती है।

अमेरिकी / जापानी शुबंकिन ( American / Japanese Shubunkin )
अमेरिकी शुबंकिन काफी लंबे होते हैं और इसके पंख एक बिंदु पर खत्म होते हैं। इसका शरीर काफी पतला होता है एक शरीर पर एक तरह की आकृति बनी होती है, जिससे कैलिको नाम से जाना जाता है। इस मछली को कैलिको रंग का धूमकेतु गोल्डफिश के नाम से भी जाना जाता है। यह किसी भी तालाब या बड़े एक्यूरियम में करीबन 25 से 35 सेंटीमीटर तक लंबा हो सकता है। यह मछली काफी फुर्तीले और तेज होते है।
फैनटेल गोल्डफिश ( Fantail Goldfish)
फैंटेल गोल्डफिश या फैंटेल सुनहरी मछली को पंखे नुमा पूछ वाली मछली कहा जाता है यह रायुकिन गोल्डफिश ( Ryukin Goldfish)का पश्चिमी रूप है। इसका शरीर अंडे के आकार का होता है तथा इसकी पूंछ लंबी और चौगुनी होती है फैंटेल गोल्डफिश के कंधे पर एक खास तरह का होता है और इसमें एक उच्च पृष्ठीय पंख होते हैं।
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गोल्डफिश से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें
- गोल्डफिश की पलकें नहीं होती इसलिए वह आंखें खोल कर ही सोती है।
- गोल्डफिश सर्वाहारी होती है जिसका मतलब यह है कि वह कीड़े और शैवाल के अलावा जलीय पौधे भी खाती है। एक aquarium में रखे जाने वाले गोल्डफिश को खाने के लिए मकई दलिया और अंडे दिए जाते हैं।
- यदि गोल्डफिश की अच्छे से देखभाल की जाए तो यह 30 सालों तक जीवित रह सकता है।
- गोल्डफिश को प्राय: एक निश्चित मात्रा में ही भोजन देना चाहिए। यदि गोल्डफिश को अधिक मात्रा में खाना दिया जाए, तो वह बीमार पड़ सकते हैं या उनकी मृत्यु भी हो सकती है।
- आज से सालों पहले गोल्डफिश की उत्पत्ति चीन देश में हुई थी और वही से गोल्डफिश को पालतू बनाने का रिवाज भी शुरू किया गया। और देखते ही देखते आज दुनिया भर के लोग गोल्डफिश को अपने घरों में पालना पसंद करते हैं। कुछ देशों के लोगों का मानना है, कि गोल्डफिश को घरों में पालना शुभ होता है।
- विश्व भर में गोल्डफिश कि 300 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है। उनकी शारीरिक संरचना, पंख, रंग, आंखें और पूँछ आदि इन्हें दूसरे प्रजातियों से अलग बनाती है।
- गोल्डफिश की सबसे खास बात है, कि यह मनुष्य के चेहरों को आसानी से पहचान सकती है। अलग-अलग तरह के आकार, रंग और ध्वनियों के बीच अंतर भी कर सकती है।
- गोल्डफिश के दांत उसके गले के पीछे की तरफ मौजूद होती है।
- विश्व भर में हर साल लगभग 500 मिलियन से भी अधिक गोल्डफिश बेची जाती है।
- गोल्डफिश लोगों के चेहरों के अलावा अल्ट्रावायलेट किरणों को भी बहुत ही आसानी से देख सकती है।
गोल्डफिश के बारे मे पूछे गए प्रश्न-उत्तर
1 . गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है ?
Ans – गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम कैरासियस ऑराटस (Carassius auratus) है।
2 . गोल्डफिश को हिंदी भाषा में क्या कहते हैं ?
Ans – गोल्डफिश को हिंदी भाषा में सुनहरी मछली के नाम से जाना जाता है।
3 . गोल्डफिश को और किस नाम से जाना जाता है ?
Ans- गोल्डफिश को गोल्डन क्रूसियन कार्प (golden crucian Carp) के नाम से भी जाना जाता हैं।
4 . दुनिया भर में गोल्डफिश की कितनी प्रजातियां पाई जाती है ?
Ans – दुनिया भर में गोल्डफिश की लगभग 300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है।
5 . गोल्डफिश की उत्पत्ति कहां हुई है ?
Ans – गोल्डफिश की उत्पत्ति सर्वप्रथम चीन देश से हुई थी।
अंतिम शब्द
जैसे कि आज के इस लेख में हमने आपको गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है (goldfish ka scientific naam kya hai) के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की है। उम्मीद करते हैं, कि आपको इस लेख के जरिए काफी कुछ सीखने को मिला होगा। इसी के साथ यदि आपको यह लेख informative लगा हो, तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को share करें ताकि उन्हें भी goldfish ka scientific naam kya hai तथा गोल्डफिश से जुड़ी सभी रोचक तथ्यों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।