दोस्तो आज के आर्टिकल मे हम जानेगे एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय (APJ Abdul kalam biography in hindi) के बारे मे, एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। एक ऐसी शख्सियत थे जिनके बारे में जितनी बात की जाए उतनी कम है। इन्होंने देश के लिए अपने अतुलनीय योगदान दिए थे, इसलिए सभी भारतीय उन्हें सम्मान की नजरों से देखते थे और आज भी उनके योगदान के लिए उन्हें पूजते है।
इन्होने भारत के 11वे राष्ट्रपति पद पर कार्य किया था, इसके साथ ही यह वैज्ञानिक व इंजीनियर भी थे जिन्होंने तकनीकी क्षेत्र में ऐसे कई कार्य किए थे जिनकी वजह से उन्हें भारत के राष्ट्रपति का पद प्राप्त हुआ। इन्होंने अपने दम पर ही कामयाबी को प्राप्त किया था लेकिन क्या आप जानते हैं उनकी कामयाबी के पीछे कितना संघर्ष छिपा हुआ है।

आज एपीजे अब्दुल कलामहमारे बीच मौजूद नहीं है लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य हम सभी को सदा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है। वैसे जब कोई उनसे एक बार मिल लेता था तो उन्हें हमेशा के लिए याद रखता था। उन्होंने देश के लिए अनेकों कार्य किए थे इसलिए वह जनता के बीच लोकप्रिय थे।
आप मे से बहुत से लोग कलाम जी के जीवन के बारे मे नहीं जानते होंगे तो चलिए आज के आर्टिकल मे हम आपको एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय (APJ Abdul kalam biography in hindi) के बारे मे सभी अहम जानकारी इस लेख में देंगे।
एपीजे अब्दुल कलाम जी केजीवन परिचय पर एक नजर (APJ Abdul kalam biography in hindi)
संख्या | जीवन परिचय बिंदु | अब्दुल कलम जीवन परिचय |
1. | नाम | अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम |
निक नेम | मिसाइल मैन | |
2. | जन्म | 15 अक्टूबर, 1931 |
3. | जन्म स्थान | धनुषकोडी गांव, रामेश्वरम, तमिलनाडु |
4. | माता का नाम | असिंमा |
5. | पिता का नाम | जैनुलाब्दीन |
भाई का नाम | कासिम मोहमद मुस्तफा कमाल मोहम्मद मुथु मीरा लेब्बे | |
6. | बहन का नाम | जोहरा |
7. | शिक्षा | रामेश्वरम एलेमेंट्री स्कूल (प्रारंभिक शिक्षा) st. Joseph’s college (बी.एस.सी) मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग) |
8. | मृत्यु | 27 जुलाई 2015 |
9. | मृत्यु स्थान | शिलोंग, मेघालय |
10. | मृत्यु का कारण | दिल का दौरा |
11. | उम्र | 84 वर्ष |
12. | राष्ट्रपति पद पर रहे | 2002-07 |
13. | शौक | किताबें पढना, लिखना, वीणा वादन |
14. | वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
15. | पेशा | प्रोफेसर, एयररोस्पेस वैज्ञानिक व राष्ट्रपति |
16. | धर्म | इस्लाम |
17. | नागरिकता | भारतीय |
18. | पुरुस्कार | पदम् विभूषण पदम् भूषण भारत रतन |
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म व शिक्षा (Apj Abdul Kalam Education)
अब्दुल कलाम जी का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम जिले के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। वह मछुआरे जाति से थे और वह तमिल मुस्लिम थे जिनका पूरा नाम डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन व माता का नाम असीमा था। इनके पिता अपनी नाव मछुआरों को किराये पर दे कर घर गृहस्थी चलाते थे। वह मध्यमवर्गीय परिवार से थे इसलिए उन्हें अपनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष का सामना करना पड़ा।
वह बचपन में घर-घर अखबार डालने जाया करते थे और उनसे जो पैसे उन्हें मिलते थे वह अपनी शिक्षा में लगाते थे। उन्होंने अपने पिता से अनुशासन, ईमानदारी एवं उदार स्वभाव में रहना सिखा था। इनकी माता भगवान मे श्रद्धा रखने वाली थी। कलाम जी पांच भाई बहन थे जिनमें से उनके तीन बड़े भाई और एक बड़ी बहन थी यह सभी आपस में बहुत करीबी रिश्ता रखते थे।
अब्दुल कलाम जी ने रामेश्वरम एलेमेंट्री स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी। इन्होंने 1950 में अपनी बी एस सी की डिग्री st. Joseph’s college से ली थी। इसके बाद वर्ष 1954 से लेकर 1957 तक उन्होंने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग मे डिप्लोमा प्राप्त किया। जिस प्रकार बचपन में सभी सपने देखते है कि वे बड़े होकर क्या बनेंगे उसी प्रकार कलाम जी का सपना था कि वह फाइटर पायलट बने परंतु उस समय के साथ उनके सपने में भी बदलाव हो गया।
एपीजे अब्दुल कलाम जी कैरियर (APJ Abdul Kalam career)
कलाम जी ने वर्ष 1958 में डी.टी.डी. एंड पी. के तकनिकी विभाग में वरिष्ट वैज्ञानिक के पद पर कार्य करना आरंभ किया। इसी दौरान उन्होंने prototype hover craft की वैज्ञानिक टीम का नेतृत्व भी किया और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में भारतीय सेना के लिए एक स्मॉल हेलीकॉप्टर डिजाइन किया। वर्ष 1962 में इन्होंने रक्षा अनुसंधान को छोड़ दिया और 1962 से लेकर 1982 तक वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़े रहे और कई पदों पर कार्य किया। इसरो के द्वारा 1969 में कलाम जी को भारत के पहले SLV-3 (Rohini) का प्रोजेक्ट हेड बनाया गया।
वर्ष 1980 में रोहिणी को पृथ्वी के निकट सफलतापूर्वक स्थापित करने का श्रेय अब्दुल कलाम जी को ही जाता है। इनकी इस सफलता के लिए वर्ष 1981 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था। अब्दुल कलाम जी कहते थे कि आज उन्होंने जिस सफलता को प्राप्त किया है उसका श्रेय उनकी माता को जाता है क्योंकि उन्होंने सदैव उन्हें अच्छे बुरे के बारे में बताया।
अब्दुल कलाम जी का राष्ट्रपति बनने तक का सफर (APJ Abdul Kalam President Life)
कलाम जी वर्ष 1982 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन केंद्र के डायरेक्टर बने। इन्होंने Integrated guided missile development program का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। वर्ष 1992 में यह रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव पद पर नियुक्त हुए और वर्ष 1999 तक इस पद पर कार्यरत रहे। कलाम जी को वर्ष 1997 में विज्ञान एवं भारतीय रक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया।
वर्ष 2002 में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए अब्दुल कलाम जी को उम्मीदवार बनाया गया। पार्टी के सभी लोगो ने उनका समर्थन किया और उन्होंने 18 जुलाई 2002 को राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और वह भारत के राष्ट्रपति बने। जीवन में कई संघर्षों का सामना करते हुए कलाम जी भारत के राष्ट्रपति बने अगर उनके जीवन के संघर्षो को देखा जाये तो वह हम सभी के लिए प्रेरणा का मुख्य स्रोत है।
एपीजे अब्दुल कलाम जी का व्यवहार
एपीजे अब्दुल कलाम प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। उन्होंने देश के लिए हमेशा ऐसा कार्य किया जिसे करना संभव नहीं था। वह बच्चों से बहुत अधिक प्रेम करते थे और देश के युवाओं को सदा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों के द्वारा देश के युवाओं को बताया कि आप कड़ी मेहनत व लगन से अपने जीवन में कुछ भी प्राप्त कर सकते है। जब वह राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए तब उन्होंने एक नए युग की शुरुआत की जो आज भी कायम है।
एपीजे अब्दुल कलाम जी का बाद का जीवन
जब एपीजे अब्दुल कलाम जी ने राष्ट्रपति पद को छोड़ दिया तब वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम के चांसलर पद पर नियुक्त हुए। इसके साथ उन्होंने अन्ना यूनिवर्सिटी के एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर के पद पर भी कार्य किया, इसके अलावा वह देश के विभिन्न कॉलेजों में विजिटिंग प्रोफेसर बन कर भी पढ़ाने जाया करते थे।
एपीजे अब्दुल कलाम जी के द्वारा लिखी किताबें
एपीजे अब्दुल कलाम जी ने अपने जीवन में जिन भी संघर्ष व परिस्थितियों का सामना किया उन्हें किताबों के माध्यम से देश के युवाओं के समक्ष प्रस्तुत किया, ताकि देश का युवा वर्ग प्रेरणा प्राप्त कर सके। उनकी लिखी किताबे निम्न प्रकार है:-
- इंडिया 2020
- माय जर्नी
- यू आर बोर्न टू ब्लॉसम
- दी लुमीनस स्पार्क
- रेइगनिटेड
- विंग्स ऑफ़ फायर – ऑटोबायोग्राफी
- ए मेनिफेस्टो फॉर चेंज
- मिशन इंडिया
- इग्नाइटेड माइंड
- एडवांटेज इंडिया
- इन्सपारिंग थोट
जो भी व्यक्ति कलाम जी की लिखी पुस्तकों को पढ़ता है उसे हर मुश्किल दौर से गुजरने व संघर्षो का सामना करने की ताकत मिलती है।
अब्दुल कलाम जी को प्राप्त पुरस्कार व सम्मान
कलाम जी ने अपने जीवन में अनेक सफलताओं को प्राप्त किया था व भारत के लिए अनेक कार्य किए थे जिससे भारत का सर ऊंचा उठा। इसके लिए उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया:-
अवार्ड मिलने का साल | अवार्ड का नाम |
1981 | पद्म भूषण |
1990 | पद्म विभूषण |
1997 | भारत रत्न |
1997 | इंदिरा गाँधी अवार्ड |
2011 | IEEE होनोअरी मेम्बरशिप |
इन्हें कई यूनिवर्सिटी के द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि भी प्रदान की गयी थी
एपीजे अब्दुल कलाम जी का निधन
एपीजे अब्दुल कलाम जी IIM शिलांग, मेघालय में 25 जुलाई 2015 को एक फंक्शन में शामिल हुए थे। वहां जब वह बच्चों को लेक्चर दे रहे थे तो उसी समय उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह नीचे गिर पड़े, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में ले जाया गया वहां पर उनकी नाजुक स्थिति के कारण उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और उन्होंने अपनी आखिरी सांसें ली जिसके बाद हमेशा के लिए दुनिया को छोड़ कर चले गए। उनके निधन के बाद 7 दिन का राजकीय शोक मनाया गया। जब उनका निधन हुआ था तब उनकी आयु 84 वर्ष थी।
उनके पार्थिव शरीर को गुवाहाटी से दिल्ली 28 जुलाई 2015 को लेकर आया गया था, जिसके बाद आम जनता के दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रखा गया। उन्हें सभी ने श्रद्धांजलि दी जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामेश्वर में 30 जुलाई 2015 को किया गया था।
एपीजे अब्दुल कलाम के बारे मे लोगो द्वारा पूछे गए प्रश्न
Q. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म किस दिन हुआ था?
Ans. 15 अक्टूबर, 1931
Q. एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु किस दिन हुई थी?
Ans. 27 जुलाई 2015
Q. एपीजे अब्दुल कलाम की मिसाइल के क्या नाम है?
Ans. अग्नि, आकाश व पृथ्वी मिसाइल
Q. एपीजे अब्दुल कलाम को कौन से पुरुस्कार मिले थे?
Ans. पदम् विभूषण, पदम् भूषण, भारत रतन, इंदिरा गाँधी अवार्ड
निष्कर्ष
मिसाइल मैन के नाम से मशहूर अब्दुल कलाम साहब ने जीवन भर अपने देश के लिए काम किया। उन्होंने अपने ज्ञान के दम पर भारत को कई मिसाइलें दी और और पृथ्वी, अग्नि जैसी मिसाइलें देकर अपने देश को शक्तिशाली बनाया। वह सदैव चाहते थे कि उनका देश शक्तिशाली व आत्मनिर्भर रहे।
इन्होंने अटल बिहारी वाजपेई के साथ मिलकर देश को मजबूत बनाने का काम किया। इनके काम को देखकर कई मुस्लिम देशों ने इन्हें अपने देश में आने के लिए आमंत्रित किया परंतु यह सच्चे देशभक्त थे इन्होंने कभी भी अपने देश को छोड़कर जाने की बात नहीं सोची। इनके द्वारा समय-समय पर देश के युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान किया गया ताकि युवा अपने देश का नाम भविष्य में रोशन कर पाए।
आज के आर्टिकल में हमने आपको एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय (APJ Abdul kalam biography in hindi) से जुडी संपूर्ण जानकारी दी है। उम्मीद है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा, अगर आपको हमारे इस आर्टिकल मे कोई गलती लगे तो आप कमेंट बॉक्स के जरिये हमे बता सकते है हम उसमे सुधर करेंगे।